कॉलेजियम प्रणाली का मुद्दा
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भारतीय न्यायपालिका में कॉलेजियम का मुद्दा एक समकालीन मुद्दा है, जिसका हमें विश्लेषण करना चाहिए।
समस्याएँ
1. न्यायाधीशों के चयन में पारदर्शिता उद्यम
2. चल संपत्तियों में निरुद्धि के कारण मामलों का लंबित होना
3. चल संपत्तियों को लेकर प्रशासनिक-बार विवाद
4. न्यायिक प्रतिनिधित्व में सीमित विविधता
5. भाई-भतीजावाद और पक्षपात के आरोप
6. न्याय की कमी। वी जिम्मेदारी तंत्र
7. कोई संरचित प्रदर्शन मूल्यांकन नहीं
परिणाम
1. संरचनात्मक सुधार - संशोधित एनजेएसी कार्यान्वयन स्पष्ट चयन मानदंड समयबद्ध नियुक्ति प्रक्रिया योग्यता आधारित मूल्यांकन प्रणाली
2. पारदर्शिता उपाय
सार्वजनिक चयन मानदंड ऑनलाइन छायांकन प्रणाली नियमित प्रदर्शन समीक्षा प्रमाणित नियुक्ति स्पष्टीकरण
3. प्रक्रिया उन्नति
अभियानकर्ताओं का डिजिटल डेटाबेस नियमित रिक्ति भविष्यवाणी संरचित साक्षात्कार पृष्ठभूमि जांच सुव्यवस्थित
4. विविधता
सुधार क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व अनुपात लिंग संतुलन लक्ष्य विविध कानूनी पृष्ठभूमि विचार कैरियर विकास धाराएँ
5. जवाबदेही उपाय
लगातार प्रदर्शन समीक्षा खुली प्रतिक्रिया तंत्र शिकायतों का पारदर्शी निवारण नियमित अंतराल पर रिपोर्टिंग की आवश्यकताएँ अपराध स्वदेशीकरण की मांग करता है न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए बार और प्रमुख के बीच परिवर्तन और सहयोग।
शासन में प्रौद्योगिकी
भूमिका
1. राजकोषीय समावेशन
-डिजिटल भुगतान, मोबाइल बैंकिंग
-प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी)
-आधार के माध्यम से डिजिटल पहचान
2. शासन
-ई-गवर्नेंस सेवाएं
-ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन
-डिजिटल रिकॉर्ड रखना
-पारदर्शी सार्वजनिक सेवाएं
3. लाभदायक वृद्धि
-ई-कॉमर्स विस्तार
-डिजिटल स्टार्टअप
-आईटी क्षेत्र में रोजगार सृजन
-डिजिटल चॉप्स विकास
4. सार्वजनिक सेवाएं
-टेलीमेडिसिन
-ऑनलाइन शिक्षा
-डिजिटल सत्यापन
-स्मार्ट मेगासिटी उद्यम
5.संरचना विकास
-ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
-सार्वजनिक वाईफाई
-डिजिटल ज्ञान कार्यक्रम
-पाल संरचना
इन तकनीकी उद्यमों ने भ्रष्टाचार को कम किया है, सेवा वितरण में सुधार किया है, राजकोषीय वृद्धि को बढ़ाया है और भारत में लाभदायक विकास को बढ़ावा दिया है। वर्तमान में डिजिटल रूपांतरण ने विशेष रूप से महत्वपूर्ण सेवाओं और लाभदायक अवसरों तक पहुंच प्रदान करके देहाती क्षेत्रों को लाभान्वित किया है।
H1N1 (HMP) वायरस के मुद्दे
मुद्दे
-श्वसन संबंधी बूंदों के माध्यम से तेजी से संक्रमण
-उन्नत खतरे में कमजोर आबादी (बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं)
-दवा प्रतिरोध विकास
-कुछ क्षेत्रों में खराब संरचित स्वास्थ्य सेवा प्रणाली
-व्यक्तिगत हिरासत
-सार्वजनिक जागरूकता की कमी
-टीकाकरण अनिच्छा
परिणाम
1. रोकथाम
-स्वच्छ हाथ धोना
-बाहर मास्क पहनना
-यदि कोई बीमार पड़ता है तो सामाजिक संपर्क में दूरी
-समय-समय पर टीकाकरण
-उचित वेंटिलेशन
2. स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया
-उन्नत निगरानी प्रणाली
-परीक्षण सेटअप जल्दी से स्थापित किए जाने चाहिए
-अलगाव प्रोटोकॉल
-पर्याप्त चिकित्सा आपूर्ति
-स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर प्रशिक्षण
3. सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय
- सामुदायिक जागरूकता योद्धा
- प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली
- संपर्क अनुरेखण
- यात्राओं की वेबिंग
- सार्वजनिक स्थानों का स्वच्छताकरण
नियमित रूप से
4. उपचार
- एंटीवायरल विशिष्टताएँ
- जांच देखभाल
- हल्के मामलों के लिए घर पर ही आइसोलेशन
- गंभीर मामलों के लिए सैनिटेरियम देखभाल
- ठीक होने के बाद निगरानी