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भारत एआई मिशन

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भारत का एआई मिशन डिजिटल संप्रभुता को संरक्षित करते हुए जिम्मेदार एआई प्रौद्योगिकियों के विकास पर केंद्रित है। महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं

 

रणनीतिक महत्व

- भारत-विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करते हुए एआई विकास में विश्वकोशीय रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए बिंदु

- स्वास्थ्य सेवा, पशुपालन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं में एआई संचालन पर ध्यान केंद्रित करता है

- एआई अन्वेषण, आविष्कार और प्रारंभिक पारिस्थितिकी तंत्र विकास को बढ़ावा देता है

 

हालिया उद्यम

- एआई संरचना और अन्वेषण के लिए ₹ 10,372 करोड़ का इंडियाएआई प्रभार आवंटन

- व्यापक सुपरकंप्यूटिंग नेटवर्क के माध्यम से एआई सिफर क्षमता की स्थापना

- एआई प्रशिक्षण के लिए भारत डेटासेट कार्यक्रम का निर्माण

- स्वदेशी एआई मॉडल और संचालन का विकास

 

चुनौतियाँ

- विस्तृत डेटा संरचना की आवश्यकता

- प्रमाणित एआई पूल की मांग

- नैतिक एआई परिनियोजन के साथ आविष्कार को संतुलित करना

- कंप्यूटिंग संरचना विकास

 

यह प्रभार भारत के लिए प्रौद्योगिकी में स्वतंत्रता बनाए रखते हुए लाभप्रदता के विकास वक्र के साथ जारी रखने के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में एआई के विकास पर दूसरों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

 

भारत जीपीटी

भारतजीपीटी भारतीय भाषाओं में घरेलू बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) स्थापित करने का भारत का प्रयास है।

 

मुख्य विशेषताएं

उद्देश्य

भारतीय भाषाओं में एआई को सर्वव्यापी बनाना

विदेशी एआई मॉडल को कम करना, कलात्मक माहौल और बारीकियों को बचाना

 

विशेषताएं

- कई भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन

- भारतीय कलात्मक वातावरण को शामिल करना

- मूल उपयोग के मामलों और संचालन पर ध्यान केंद्रित करना

 

महत्व

- गैर-अंग्रेजी बोलने वालों के लिए डिजिटल जोड़

- डेटा संप्रभुता और सुरक्षा

- एआई विकास में सांस्कृतिक संरक्षण

- स्थानीयकृत एआई परिणामों के माध्यम से लाभदायक उद्घाटन

 

यह डिज़ाइन एआई विकास में भारत की विशिष्ट मौखिक और कलात्मक विविधता का जवाब देते हुए तकनीकी स्वर-निर्भरता की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।

 

स्कूलों में नामांकन का अनुपात कम

मुख्य मुद्दे

-बच्चों को श्रम में धकेलने में लाभदायक कठिनाई

-खराब संरचना और ट्यूशन की गुणवत्ता

- देहाती क्षेत्रों में सेमिनरियों की दूरी

- लिंग सीमांकन

- COVID-19 से साक्षरता अंतराल

- डिजिटल पीक

- खराब पोषण साक्षरता क्षमता को प्रभावित कर रहा है

 

समाधान

1. नीतिगत हस्तक्षेप

- मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों को मजबूत करें

- शिक्षा बजट आवंटन में वृद्धि करें

- बाल श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करें

- परिवहन सहायता दें

 

2. अवसंरचनात्मक विकास

- ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सेमिनरियों की संख्या बढ़ाएँ

- स्वच्छता सुविधाओं में सुधार करें

- डिजिटल साक्षरता केंद्र बनाएँ

- कक्षा वास्तुकला में सुधार करें

 

3. गुणवत्ता उन्नयन

- स्कूल शिक्षक प्रशिक्षण योजनाएँ

- उच्च तकनीक ट्यूशन पद्धतियाँ

- आवधिक मूल्यांकन तंत्र

- द्विभाषी शिक्षा के अवसर

 

4. सामाजिक पहल

- सामुदायिक जागरूकता अभियान

- लिंग संवेदीकरण योजनाएँ

-माता-पिता की काउंसलिंग

-बालिका शिक्षा के लिए वित्तीय प्रोत्साहन

 

5. प्रौद्योगिकी एकीकरण

- संकर साक्षरता मॉडल

- डिजिटल ज्ञान कार्यक्रम

- कक्षाओं में शैक्षिक प्रौद्योगिकी

- मोबाइल साक्षरता परिणाम

 

स्थायी प्रभाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और मूल समुदायों के बीच सहयोग की आवश्यकता है।