7717211211 |

Contact Us | SignUp |

🔍



भारत में डिजिटल धोखाधड़ी

Published On:

भारत में डिजिटल धोखाधड़ी में भारी वृद्धि हुई है, क्योंकि 2022-23 तक हाई-टेक साइबर हमलों और वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से व्यक्तिगत व्यक्तियों और उद्यमों से संबंधित ₹ 7,400 करोड़ का नुकसान हुआ है।

 

मुख्य मुद्दे

1. सामान्य धोखाधड़ी के प्रकार

- UPI भुगतान घोटाला

- फ़िशिंग

- पहचान की चोरी

- क्रेडिट कार्ड स्किमिंग

- निवेश घोटाले

- फ़र्जी रोज़गार ऑफ़र

 

2. योगदान देने वाले कारक

- कम डिजिटल साक्षरता

- शर्मीले साइबर सुरक्षा उपाय

- देर से धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग

- सीमित कानून प्रवर्तन क्षमताएँ

- त्वरित डिजिटल परित्याग

 

समाधान

1. विशिष्ट समाधान

- AI-आधारित धोखाधड़ी पहचान प्रणाली

- दो-कारक प्रमाणीकरण

- बायोमेट्रिक सत्यापन

- वास्तविक समय बिक्री कवरेज

- सुरक्षित भुगतान गेटवे

 

2. कानूनी ढाँचा

- कठोर सज़ा

- तेज़ शिकायत निवारण

- अनिवार्य सुरक्षा मानक

- मज़बूत KYC नैतिकता

- अंतर-राज्यीय सहयोग

 

3. शिक्षा और जागरूकता

- डिजिटल ज्ञान कार्यक्रम

- नियमित सुरक्षा अपडेट

- सार्वजनिक जागरूकता अभियान

- वाणिज्यिक प्रशिक्षण कार्यक्रम

- अकादमी कक्षा एकीकरण

 

4. कानून प्रवर्तन

- तकनीकी साइबर इकाइयाँ

- बेहतर जांच उपकरण

- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

- त्वरित प्रतिक्रिया ब्रिगेड

- नियमित कौशल उन्नयन

 

निष्कर्ष

डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो प्रौद्योगिकी, विनियमन, शिक्षा और कानून प्रवर्तन को जोड़ती है। सफलता सरकार, वित्तीय संस्थानों और नागरिकों के बीच समन्वित प्रयासों पर निर्भर करती है ताकि एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके।

 

आयुष्मान भारत

आयुष्मान भारत 2018 में शुरू किया गया भारत का प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये की सामग्री प्रदान करने की आकांक्षा रखता है। महत्वाकांक्षी दावों के बावजूद, इस योजना में कई चुनौतियाँ हैं।

 

महत्वपूर्ण मुद्दे

1. बुनियादी ढांचे की कमी

- देहाती इलाकों में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठान नहीं

- हटाए गए अस्पतालों की कम संख्या

- तकनीकी चिकित्सा उपकरण की कमी

- अच्छे चिकित्सा पेशेवरों की कमी

 

2. कार्यकारी चुनौतियाँ

- विलंबित दावा समझौते

- जटिल सत्यापन शर्तें

- डिवाइस पहचान के साथ समस्याएँ

- पात्र आबादी के बीच सीमित जागरूकता

 

3. गुणवत्ता नियंत्रण

- प्रतिष्ठानों में देखभाल के अलग-अलग मानदंड

- धोखाधड़ी के दावों के मामले

- निगरानी तंत्र में कमी

- उपचार प्रोटोकॉल का सीमित मानकीकरण

 

समाधान

 

1. संरचना में सुधार

- स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों के लिए सार्वजनिक-निजी कनेक्शन

- चिकित्सा शिक्षा में निवेश

- टेलीमेडिसिन एकीकरण

- मोबाइल स्वास्थ्य सेवा इकाइयाँ

 

2. कार्यकारी सुधार

- डिजिटल दावा प्रसंस्करण

- सरलीकृत सत्यापन

- अपराध कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण

- बेहतर शिकायत निवारण

 

3. गुणवत्ता आश्वासन

- औपचारिक उपचार दिशा-निर्देश

- नियमित सैनिटेरियम चेकअप

- वास्तविक समय निगरानी प्रणाली

- प्रदर्शन आधारित आवेग

 

निष्कर्ष

जबकि आयुष्मान भारत सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, परिणाम-उन्मुख हस्तक्षेप के साथ इन चुनौतियों पर काबू पाना ही सफलता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है। निरंतर निगरानी, ​​फीडबैक का उद्देश्यीकरण और अनुकूली प्रगति यह सुनिश्चित करेगी कि भारत की कमजोर आबादी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के इसके उद्देश्य प्राप्त हों।

 

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में भारी बदलाव आया है, जो मामूली आदान-प्रदान से बढ़कर 190 बिलियन डॉलर से अधिक के द्विपक्षीय व्यापार के मजबूत रणनीतिक सहयोग में बदल गया है।

 

प्रमुख व्यापार घटक

 

माल व्यापार

- भारत को अमेरिकी निर्यात रक्षा संगठन, विमान, मंत्रालय

- अमेरिका को भारतीय निर्यात औषधीय, कपड़े, आभूषण, आईटी सेवाएं

- व्यापार घाटा भारत के पक्ष में है

 

सेवा व्यापार

- भारतीय सेवा निर्यात में आईटी/आईटीईएस का दबदबा

- स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा सेवाओं में वृद्धि

- डिजिटल प्रौद्योगिकी सहयोग

 

निवेश प्रवाह

- भारत में अमेरिकी एफडीआई विनिर्माण, सेवाएं, प्रौद्योगिकी

- अमेरिकी आईटी, औषधीय, विनिर्माण में भारतीय निवेश

- सीमा पार प्रारंभिक निवेश

 

रणनीतिक क्षेत्र

- रक्षा व्यापार समझौते

- ऊर्जा सहयोग

- स्वास्थ्य सेवा सहयोग

- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण

 

चुनौतियाँ

- टैरिफ विवाद

- आईपीआर उद्यम

- डेटा स्थानीयकरण समस्याएँ

- अनुरोध पहुँच प्रतिबंध

 

वर्तमान रुझान

- सामान्य उच्च तकनीक व्यवसाय

- नवीकरणीय ऊर्जा कनेक्शन

- श्रृंखला अनुपालन लचीलापन फ़ोकस

- डिजिटल तपस्या सहयोग

 

निष्कर्ष

कभी-कभार व्यापार तनाव के बावजूद, भारत-अमेरिका व्यापार संबंध रणनीतिक संबंधों, तकनीकी साझेदारी और सहयोगी लाभदायक हितों के साथ मजबूत होते जा रहे हैं। दोनों देश विवाद समाधान और द्विपक्षीय व्यापार अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

 

अमेरिका में अवैध प्रवास और भारत पर इसका प्रभाव

संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध आव्रजन चरम सीमा एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक मुद्दा बन गया है, क्योंकि वर्तमान में देश में 11 मिलियन से अधिक अवैध प्रवासी रह रहे हैं। इस स्थिति में अमेरिका और भारत जैसे देशों के लिए जटिल प्रतिवाद हैं, जो कानूनी माध्यम से कथित श्रमिकों को बाहर निकालते हैं।एस।

 

अमेरिका में मुद्दे

1. आकर्षक प्रभाव

- सार्वजनिक सेवाओं और राजकोषों पर तनाव

- कम कुशल उद्योगों में श्रम मांग प्रतिस्पर्धा

- ड्यूटी लाभ प्रतिवाद

 

2. राजनीतिक ताकतें

- आव्रजन नीतियों पर पक्षपातपूर्ण शिखर

- सीमा सुरक्षा तर्क

- राज्य बनाम नागरिक प्रशासन विवाद

 

भारत पर प्रभाव

 

1. कानूनी आव्रजन मुद्दे

- सभी वीज़ा गतिविधियों की अधिक जांच

- एच-1बी और अन्य कार्य वीज़ा के लिए लंबी प्रसंस्करण अवधि

- भारतीय परिचालन के लिए उच्च अस्वीकृति दर

 

2. आकर्षक वस्तुएँ

- वैध घोषित उत्प्रवास पर अंतर्निहित प्रतिबंध

- आईटी उद्योग और ऑफशोरिंग पर परिणाम

- भारतीय प्रवासियों से प्रेषण में कमी

 

3. प्रतिभा पलायन उद्यम

- अपनी इच्छा की तलाश में घोषित पेशेवर

अमेरिका

- कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों में जाना

- भारतीय उपहार प्रतिधारण के लिए अवसर

 

4. राजनीतिक संबंध

- द्विपक्षीय संबोधनों में आव्रजन वार्ता

- भारतीय हितों को कवर करने के लिए संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता

- अवैध तस्करी रोकथाम पर सहयोग

 

निष्कर्ष

जबकि अमेरिका में अवैध आव्रजन मुख्य रूप से लैटिन अमेरिकी देशों से संबंधित है, इसके तरंग उत्पाद भारत की घोषित पूल गतिशीलता और लाभदायक हितों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। इसके लिए अवैध प्रवासन से निपटने के लिए अमेरिकी प्रयासों का समर्थन करते हुए वैध भारतीय आव्रजन को कवर करने के लिए रणनीतिक राजनीतिक जुड़ाव की आवश्यकता है।

 

भारत और इंडोनेशिया संबंध

भारत और इंडोनेशिया शाब्दिक और कलात्मक संबंधों पर आधारित मजबूत द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं।

 

मुख्य विशेषताएँ

 

रणनीतिक सहयोग

- 2018 में रणनीतिक व्यापक साझेदारी पर सहमति

- हिंद महासागर में सहयोगात्मक समुद्री सुरक्षा उद्यम

- साझा सूचना साझाकरण और संयुक्त सैन्य अभ्यास के माध्यम से रक्षा सहयोग

 

आर्थिक सहयोग

- द्विपक्षीय व्यापार $ 21 बिलियन (2022-23)

- प्रमुख क्षेत्र दवाइयाँ, ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएँ)

- संरचना और डिजिटल मितव्ययिता में निवेश के अवसर

 

सांस्कृतिक संबंध

- साझा हिंदू-बौद्ध विरासत

- इंडोनेशियाई संस्कृति में रामायण का प्रभाव

- शैक्षिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान

 

सहयोग के क्षेत्र

- आतंकवाद और सुरक्षा

- समुद्री संपर्क

- डिजिटल तकनीक और स्टार्टअप

- जलवायु परिवर्तन उद्यम

- पर्यटन सृजन

 

चुनौतियों में इंडोनेशिया के पक्ष में व्यापार असंतुलन और बेहतर संपर्क की आवश्यकता शामिल है। दोनों देश आसियान और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे स्वदेशी मंचों पर एकजुट होते हैं।