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स्कूलों में नामांकन का अनुपात कम

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मुख्य मुद्दे

-बच्चों को श्रम में धकेलने में लाभदायक कठिनाई

-खराब संरचना और ट्यूशन की गुणवत्ता

- देहाती क्षेत्रों में सेमिनरियों की दूरी

- लिंग सीमांकन

- COVID-19 से साक्षरता अंतराल

- डिजिटल पीक

- खराब पोषण साक्षरता क्षमता को प्रभावित कर रहा है

 

समाधान

1. नीतिगत हस्तक्षेप

- मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों को मजबूत करें

- शिक्षा बजट आवंटन में वृद्धि करें

- बाल श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करें

- परिवहन सहायता दें

 

2. अवसंरचनात्मक विकास

- ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सेमिनरियों की संख्या बढ़ाएँ

- स्वच्छता सुविधाओं में सुधार करें

- डिजिटल साक्षरता केंद्र बनाएँ

- कक्षा वास्तुकला में सुधार करें

 

3. गुणवत्ता उन्नयन

- स्कूल शिक्षक प्रशिक्षण योजनाएँ

- उच्च तकनीक ट्यूशन पद्धतियाँ

- आवधिक मूल्यांकन तंत्र

- द्विभाषी शिक्षा के अवसर

 

4. सामाजिक पहल

- सामुदायिक जागरूकता अभियान

- लिंग संवेदीकरण योजनाएँ

-माता-पिता की काउंसलिंग

-बालिका शिक्षा के लिए वित्तीय प्रोत्साहन

 

5. प्रौद्योगिकी एकीकरण

- संकर साक्षरता मॉडल

- डिजिटल ज्ञान कार्यक्रम

- कक्षाओं में शैक्षिक प्रौद्योगिकी

- मोबाइल साक्षरता परिणाम

 

स्थायी प्रभाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और मूल समुदायों के बीच सहयोग की आवश्यकता है।

 

 

विश्वविद्यालयों से संबंधित मुद्दे

समस्याएँ

1. संरचना अंतराल

- अप्रचलित संस्थापन

-अपर्याप्त अन्वेषण संगठन

-खराब डिजिटल संरचना

 

2. गुणवत्ता उद्यम

- अप्रचलित कक्षाएँ

- सीमित परिश्रम संरेखण

- संकोची संकाय विकास

- अन्वेषण गुणवत्ता मुद्दे

 

3. कार्यकारी चुनौतियाँ

- विनियामक निरोध

- समर्थन बाधाएँ

- राजनीतिक बाधा

- खराब शासन

 

परिणाम

1. शैक्षणिक सुधार

- नियमित आधार पर कक्षा अपडेट

- परिश्रम सहयोग

- संकाय प्रशिक्षण

- अन्वेषण फोकस

- अंतर्राष्ट्रीय हुकअप

 

2. संरचना विकास

- अति आधुनिक प्रयोगशालाएँ

- डिजिटल कोष

- स्मार्ट कक्षाएँ

- अन्वेषण संस्थापन

- पुस्तकालय उन्नयन

 

3. कार्यकारी उन्नति

- राय में स्वायत्तता

- पारदर्शी प्रक्रियाएँ

- योग्यता-आधारित चल संपत्ति

-नियमित जांच

-डिजिटल प्रशासन

 

4. वित्तीय उपाय

-सार्वजनिक-निजी संबंध

-अन्वेषण अनुदान

-पूर्व छात्र नेटवर्क

-वाणिज्यिक समर्थन

-प्रभावी संसाधन उपयोग

 

5. गुणवत्ता आश्वासन

-नियमित प्रतिनिधिमंडल

-प्रदर्शन मानदंड

-छात्र प्रतिक्रिया

-अध्ययन की पुष्टि

-अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्किंग

 

कार्यवाही की आवश्यकतासरकार, शैक्षणिक संस्थानों, परिश्रमी साथियों और हितधारकों से समन्वित प्रयास करता है।

 

ब्रिक्स और इसका महत्व

ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और हाल ही में शामिल सदस्यों (यूएई, सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र) का एक लाभदायक गठबंधन है।

 

महत्वपूर्ण विशेषताएँ

लाभदायक महत्व

- संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 25% से अधिक

- जनसंख्या विश्व जनसंख्या का 40%

- व्यापार विश्व व्यापार का महत्वपूर्ण हिस्सा

- पश्चिमी-प्रभुत्व वाली संस्थाओं के लिए अपरिहार्य

 

रणनीतिक लाभ

- अमेरिकी सैन्य प्रभुत्व का मुकाबला

- अपरिहार्य भुगतान प्रणाली

- सहयोगात्मक लॉगरोलिंग शक्ति

- दक्षिण-दक्षिण सहयोग

- संसाधन साझाकरण

 

चुनौतियाँ

- सदस्यों के बीच लाभप्रद अंतर

- राजनीतिक मतभेद

- चीन-भारत के बीच प्रतिस्पर्धा

- कुछ सदस्यों पर वारंट

- अपराध निरोध

 

अजन्मे निहित

- समान मुद्रा विकास

- व्यापार सहयोग में वृद्धि

- संरचना विकास

- प्रौद्योगिकी साझाकरण

- निवेश सृजन

 

वैश्विक व्यवस्था पर प्रभाव

- बहुध्रुवीय विश्व का उदय

- अपरिहार्य विकास मॉडल

- सुधारित वैश्विक शासन

- विकासशील विश्व की आवाज़ में वृद्धि